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ऑनलाइन पढाई से बच्चों की आंखों की रोशनी हो रही कम -डॉक्टर ज्ञानेंद्र बरनवाल

ऑनलाइन पढाई से बच्चों की आंखों की रोशनी हो रही कम -डॉक्टर ज्ञानेंद्र बरनवाल

देश अभी कोरोना के प्रकोप से पूरी तरह उबरा भी नहीं है। ऐसे में देश के सामने कही एक और विषम परिस्थिति न पैदा हो इसके लिए गम्भीरता से विचार करने की जरूरी है।
जहाँ बच्चो को टीवी पास से ना देखने की सख्त हिदायत दी जाती है वही स्कूल मे मोबाइल ले जाने पर प्रतिबंध रहता है वही आज छोटे बच्चों के हाथो में ऑनलाइन क्लास हेतु मोबाइल पकड़ा दी जाती है मोबाइल या लैपटॉप पर पढ़ाई करने का असर बच्‍चों की आंखों पर पड़ रहा है।
ये अभिभावकों के लिए अब चिंता का सबब बनता जा रहा है बच्‍चों में स्‍मार्टफोन टैबलेट आईपैड और लैपटॉप की वजह से मानसिक विकास प्रभावित होता है।
ऐसे हालात में जब स्कूल नहीं खुल रहे हैं तो पढ़ाई कैसे हो ये अभिभावकों की मजबूरी भी है। आज डॉक्टर ज्ञानेंद्र बरनवाल ने कहा है कि मोबाइल लैपटॉप व टैबलेट का ज्यादा उपयोग बढ़ गया है। जिससे स्क्रीन टाइम बढ़ने से आंखों पर इसका असर पड़ने का खतरा है।
उन्होंने कहा कि एक तरफ माता पिता अपने बच्चों को मोबाइल से दूर रखना चाहते हैं तो वहीं दूसरी तरफ ऑनलाइन क्लासेस के चलते बच्चों को मोबाइल दिया जा रहा है।
कोरोना काल मे ऑनलाइन पढ़ाई के कारण बच्चों के हाथों में मोबाइल होने की वजह से बच्चों की आंखों की रोशनी कम हो रही है जिससे कम उम्र में ही बच्चों को चश्मा लग रहा है।
बरनवाल जी ने भारत सरकार से अपील किया है कि इस मामले पर भारत सरकार और प्रदेश सरकारें बच्चों के भविष्य को देखते हुए गंभीरता से विचार करे ताकि आने वाली हमारी पीढ़ी को इससे बचाया जा सके ।

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